सात वारों के देवताओं को प्रसन्न करने के कुछ आसान उपाय-
सूर्य को प्रसन्न रखने के कुछ उपाय
सुबह मुंह को गीला रखकर सूर्य के सामने गायत्री मन्त्र या ओम् नाम का 10 या 28 बार जप करना चाहिए। घर में धूप और खुली हवा का प्रबंध, धूप सेंकना, बुजुर्गो के मन को ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए। घर में गंगाजल या किसी कुदरती सोते का जल सहेजना चाहिए। संक्रान्ति, अमावस्या, पूर्णिमा, अष्टमी के दिन और दोनों वक्त मिलने के समय कलह, बहस, देर तक सोना और संभोग से बचें। इनसे सारे ग्रहों की अनुकूलता बनती है।
चंद्रमा को अनुकूल रखने के उपाय
सोमवार का पति चंद्रमा मन, विचार, भावुकता, चंचलता, आवेग और आवेश का प्रतीक है। चंद्र की अनुकूलता से मन पर नियंत्रण, निर्णय करने की सही दिशा और दिल के बजाए दिमाग से अधिक काम लेने की आदत बनती है। सोम जल का ग्रह होने से शिव को खास प्रिय है। इस दिन शिवजी की पूजा, आराधना करना उपयुक्त है। ध्यान रखें शिव की पूजा सदा माता पार्वती के साथ ही साम्बसदाशिव के रूप में ही सांसारिक सुखों के लिए अधिक फलदायी है।
चंद्र को प्रसन्न रखने के कुछ तरीके ये हैं-
दूध, खीर, सेवई, मिठाई, पनीर, दान करना चाहिए और तारों की छांव या चांदनी में कुछ देर बैठना चाहिए।बड़, पीपल, गूलर की गोलियां, फल या जड़ घर में रखें। अपनी कुल प्रतिष्ठा, सम्पदा को संभालें। पानी का सेवन करना और माता-पिता से अलगाव या दूरी न रखना चन्द्रमा को प्रसन्न रखने का कारगर तरीका है। दूध में मुल्तानी मिट्टी, चोकर या बेसन मिला कर उबटन करें। किसी के सामने अपनी व्यथा किसी को ना सुनाए।
मंगल अनुकूलता के उपाय
मंगलवार का वारपति मंगल, युद्घ और हथियारों का ग्रह हैं। इसके देवता वीर हनुमान, एकदंत गणेश और मलय स्वामी हैं। हनुमान जी की पूजा, प्रसाद चढ़ाना, मंगल का व्रत रखना और इस दिन शाकाहार करना अच्छा है। हनुमान चालीसा का पाठ आसान और कारगर उपाय है।
अतिरिक्त शुभता के लिए-
अपने सगे भाई बहनों के लिए अपशब्द न कहें और स्त्रियों से बहस न करें।
मीठी सुहाल, पूए, चीले, पूरनपोली खाएं, खिलाएं और बांटें।
भाभियों से सामान्य व्यवहार रखें और कभी विकलांगों की सहायता करें।
नीम, बबूल का सेवन किसी तरह से करें और पेड़-पौधों की देखभाल करते रहें।
बुध की अनुकूलता के उपाय
बुधवार का वारपति बुध, बुद्धि, हास-परिहास, अभिनय और कला और वनस्पतियों का ग्रह है। इसके प्रधान देव विष्णु हैं। अत: विष्णु जी के किसी रूप की आराधना करना शुभ है।
ओम् नमो भगवते वासुदेवाय या
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेव।। का जप करना श्रेयस्कर है।
मांस मदिरा, मानसिक हिंसा, पक्षियों को पालना,ससुराल से गहरे संबंध रखना आदि बातों से बचें।
वनस्पति, जड़ी-बूटी पाले प्रसाधन इस्तेमाल करना, सोना धारण करना, पौधे रखना, बहन बेटी और उनके परिवार जनों का आदर करना,केसर लगी मिठाई या केसरी हलुवा या मूंग दाल के पदार्थ खाना खिलाना शुभ है।
दादी को कोई भेंट देने, सांड को गुड़ रोटी खिलाने, केले और बताशे बांटने से बुध प्रसन्न रहता है।
स्नान जल में चावल डालना, पीपल में जल देना, हरी सब्जी शिवजी को भेंट करना, कभी पत्ते के दोने में कुछ खाना, कभी दान करना मंगलकारक है।
गुरु देव बृहस्पति की अनुकूलता के उपाय
गुरुवार का देवता संसार का सृजनहार ब्रह्मा है। अत: विवाह, संतान सुख, परिवार सुख, ज्ञान, वाणी और हुनर के साथ बड़प्पन अधिकार का स्वामी बृहस्पति है। इसके लिए सिर्फ ओम् नाम का जप करना काफी फायदेमंद है।
अधिक शुभता के लिए-
किसी के साथ कपड़े शेयर न करें। चरित्र, जुबान और आचरण को मजबूत रखें।
हल्दी वाली रोटी, चने की दाल, पीला वस्त्र, घी, बूरे का सेवन वितरण करें।
कन्याओं का आदर करें।
दैत्य गुरु शुक्र की अनुकूलता के उपाय
शुक्रवार देवी के आधीन है।अत: दुर्गा पूजा, दीपक जलाना, खेतड़ी बोकर रखना, कन्यापूजन, करना और जालसाजी, झूठी गवाही से बचना अच्छा है। दुर्गाचालीसा आदि पढ़ना, खुशबू का प्रयोग, धूपबत्ती जलाना, साफ-सुथरा और आकर्षक बनने की कोशिश करना शुभ है।
शनि देव को अनुकूल बनाने के उपाय
शनिवार के अधिपति भैरव, हनुमान, महाकाली, नृसिंह हैं। भावनानुसार इनमें से किसी की पूजा आराधना करना अच्छे परिणाम देगा। बस्ती के बाहर किसी शिवमंदिर में पूजा करना भी लाभदायक है। अधिक शुभता के लिए- शनि मंदिर जाएँ शाम को पर शनि महाराज की आँखों की ओर ना देखें,चरणो में देखें पूजा करें दीपक जलाएँ
मजदूरों, मेहनतकशों का दिल न दुखाना, जीवन में अनुशासन रखना, साफ-सुथरा रहना, रोज नहाना और हाथ-पैर, दाढ़ी, नाखूनों को साफ सलीकेदार रखना, तेल मालिश, शनि को खुश रखने की रामबाण दवा है।