कुंडली में जब शनि अशुभ स्थिति में हो तो समझ लीजिए की बुरा वक्त शुरू हो गया है। शनि के प्रभाव में आए
शनि की बुरी दशा को खत्म करने के लिए आप चावल, तिल, उड़द, लोहा, तेल, काले वस्त्र, गुड, खाना, रोटी, तिल लड्डू, काला चना, लोहे का पात्र या उपकरण, आदि का दान कर सकते हैं. यह दान किसी गरीब या जरूरतमंद को ही करना लाभदायक होता है I
शनि दशा सही करने के लिए गरीबों की सेवा करें. गाय और कुत्ते को रोटी खिलाएं. चींटी को आंटा और शक्कर खिलने से भी लाभ मिलता है I
संध्या के समय हनुमान चालीसा का पाठ करें और पवनपुत्र को बेसन के लड्डू का भोग अवश्य लगाएं। इसके साथ ही काली हाय की सेवा करें और हर शनिवार को गौ माता के मस्तर पर रोली लगाकर सींगों में कलावा बांध कर धूप करें। इसके बाद परिक्रमा करके गाय को बूंदी के चार लड्डू खिलाएं I
भगवान हनुमान की पूजा करें। सूर्यास्त से पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इस दिन बंदरों को केला, गुड़ और काले चने खिलाए। ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होंगे और जातक इसके बुरे प्रभाव से काफी हद तक बच सकेंगे।
शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या को दूर करने के लिए भोजन से पहले परोसी हुई थाली में से सभी चीजें थोड़ी-थोड़ी अलग निकाल दें और इसे कौओं को खिलाएं।
शनि के बुरे प्रभाव से बचने के लिए राई का तेल या तिल का तेल दान करें। शनि के खराब असर से जूझ रहे हैं तो सुरमें की जली लेकर जमीन में गाड़ दें। इतना ही नहीं रात को सोते समय दूघ न पिएं।
सप्तम स्थान में शनि हो तो मदिरा पान न करें अन्यथा आर्थिक और शारीरिक कमजोरी झेलनी पड़ेगी। इसके असर से बचने के लिए किसी जरूरतमंद को शनिवार वाले दिन काले तिल, तेल और काले कपड़े का दान करें।
जातकों का शनि फौरन न्याय करता है। ऐसे जातकों के सभी अच्छे-बुरे कर्मों का फैसला शनि फौरन करता है और उन्हें उचित फल देता है। अनिष्ट शनि ग्रह के प्रभाव से बचने के लिए कुछ खास उपाय कर इसके प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
शनि दशा सही करने के लिए गरीबों की सेवा करें. गाय और कुत्ते को रोटी खिलाएं. चींटी को आंटा और शक्कर खिलने से भी लाभ मिलता है I
संध्या के समय हनुमान चालीसा का पाठ करें और पवनपुत्र को बेसन के लड्डू का भोग अवश्य लगाएं। इसके साथ ही काली हाय की सेवा करें और हर शनिवार को गौ माता के मस्तर पर रोली लगाकर सींगों में कलावा बांध कर धूप करें। इसके बाद परिक्रमा करके गाय को बूंदी के चार लड्डू खिलाएं I
भगवान हनुमान की पूजा करें। सूर्यास्त से पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इस दिन बंदरों को केला, गुड़ और काले चने खिलाए। ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होंगे और जातक इसके बुरे प्रभाव से काफी हद तक बच सकेंगे।
शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या को दूर करने के लिए भोजन से पहले परोसी हुई थाली में से सभी चीजें थोड़ी-थोड़ी अलग निकाल दें और इसे कौओं को खिलाएं।
शनि के बुरे प्रभाव से बचने के लिए राई का तेल या तिल का तेल दान करें। शनि के खराब असर से जूझ रहे हैं तो सुरमें की जली लेकर जमीन में गाड़ दें। इतना ही नहीं रात को सोते समय दूघ न पिएं।
सप्तम स्थान में शनि हो तो मदिरा पान न करें अन्यथा आर्थिक और शारीरिक कमजोरी झेलनी पड़ेगी। इसके असर से बचने के लिए किसी जरूरतमंद को शनिवार वाले दिन काले तिल, तेल और काले कपड़े का दान करें।
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